मंगला आरती के पद (उष्णकाल)
मंगल माधो नाम उच्चार ।
मंगल वदन कमल कर मंगल, मंगल जन की सदा संभार ।। 1 ।।
देखत मंगल पूजत मंगल, गावत मंगल चरित उदार ।
मंगल श्रवण कथा रस मंगल, मंगल तनु वसुदेव कुमार ।। 2 ।।
गोकुल मंगल मधुवन मंगल, मंगल रूचि वृंदावनचंद ।
मंगल करत गोवर्धनधारी, मंगल वेश यशोदानंद ।। 3 ।।
मंगल धेनु रेणुभू मंगल, मंगल मधुर बजावत बेन ।
मंगल गोपवधू परिरंभण, मंगल कालिंदी पय फेन ।। 4 ।।
मंगल चरणकमल मुनि वंदित, मंगल कीरति जगत निवास ।
अनुदिन मंगल ध्यान धरत मुनि, मंगलमति परमानंददास ।। 5 ।।
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