गावैं गुनी, गनिका, गन्धर्व औ सारद, सेष सबै गुन गावैं ।
नाम अनन्त गनन्त गनेस-ज्यों, ब्रह्मा त्रिलोचन पार न पावैं ।। १ ।।
जोगी, जती, तपसी अरु सिध्ध, निरंतर जाहि समाधि लगावैं ।
ताहि अहीरकी छोहरियाँ, छछिया भरि छाछ पै नाच नचावैं ।। २ ।।
नाम अनन्त गनन्त गनेस-ज्यों, ब्रह्मा त्रिलोचन पार न पावैं ।। १ ।।
जोगी, जती, तपसी अरु सिध्ध, निरंतर जाहि समाधि लगावैं ।
ताहि अहीरकी छोहरियाँ, छछिया भरि छाछ पै नाच नचावैं ।। २ ।।
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