Showing posts with label राग ईमन. Show all posts
Showing posts with label राग ईमन. Show all posts

लालन तो हो झूलो जो तुम

लालन तो हो झूलो जो तुम,
हौले हौले झूलावो।
डरपत हो घनश्याम मनोहर,
अपने कंठ लगायो॥१॥

हो उतरो तुम, झूलो मेरे मोहन,
जैसे जैसे गाँउ, तैसे तैसे गाओ।
रसिकप्रीतम पिय यह बिनती,
तनकी तपत बुजाओ॥२॥

लालन आयेरी तेरेई भवन...

लालन     आयेरी     तेरेई    भवन     मान    मनावन     काज ।
आपुनो मान  छांड  दे  मानिनी   संवत्सर को  शुभ दिन आज ।। १ ।।
करि सिंगार अपुन  मनोहर   विविध  सुगंध  धरी  सब   साज ।
कृष्णदास प्रभु के संग भामिनी कीजे  सुख सों अविचल  राज ।। २ ।।

सेन कामकी लायो,सो सावन आयो


सेन कामकी लायो,सो सावन आयो।
चल सखी झूलिये सुरंग हिंडोरे, कीजे श्याम मन भायो॥१॥
हाव भाव के खंभ मनोहर, कचघन गगन सुहायो।
काम नृपति वृषभान नंदिनी, रसिक रायवर पायो॥२॥