अरवीलो गरवीलो रंगीलो छबीलो कान्ह करि के सिंगार ठाढौ देखो सखी कुँजद्वार ।
वाम भाग राधा प्यारी ओढ़े चुनरी की सारी कंचुकी उतंग गाढ़ी ठाडी बहियाँ गरे डार ।। १ ।।
चूनरी चटकदार पाग सीस नंदलाल सूथन चूनरी बागौ बन्यो अंग घेरदार ।। २ ।।
फूल-छरी बेनु धरी बजत है रस भरी सुनत स्रवन धाय आये सब नर नगरा ।
निरखि मुखारविंद फूले मानो अरविंद करत गुंजार तहाँ 'कृष्णदास' भमरा ।। ३ ।।
वाम भाग राधा प्यारी ओढ़े चुनरी की सारी कंचुकी उतंग गाढ़ी ठाडी बहियाँ गरे डार ।। १ ।।
चूनरी चटकदार पाग सीस नंदलाल सूथन चूनरी बागौ बन्यो अंग घेरदार ।। २ ।।
फूल-छरी बेनु धरी बजत है रस भरी सुनत स्रवन धाय आये सब नर नगरा ।
निरखि मुखारविंद फूले मानो अरविंद करत गुंजार तहाँ 'कृष्णदास' भमरा ।। ३ ।।
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