श्री विठ्ठलनाथजी की वधाई
मंगल रूप निधान श्री विठ्ठल, मंगल रूप निधान |
कोटि अमृतसम हंस मृदु बोलन,सबके जीवन प्राण || १ || श्री विठ्ठल...
करुणासिन्धु, उदार कल्पतरु, देत अभयपद दान |
शरन आयेकी, लाज चहुँदिश, बाजे प्रकट निशान || २ || श्री विठ्ठल...
तुम्हारे चरण कमल के मकरंद,मन मधुकर लपटान |
नंददास प्रभु द्वारें रटत है, रूचत नाही कछु आन || ३ || श्री विठ्ठल...
कोटि अमृतसम हंस मृदु बोलन,सबके जीवन प्राण || १ || श्री विठ्ठल...
करुणासिन्धु, उदार कल्पतरु, देत अभयपद दान |
शरन आयेकी, लाज चहुँदिश, बाजे प्रकट निशान || २ || श्री विठ्ठल...
तुम्हारे चरण कमल के मकरंद,मन मधुकर लपटान |
नंददास प्रभु द्वारें रटत है, रूचत नाही कछु आन || ३ || श्री विठ्ठल...
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