फूलन की मंडली मनोहर बैठे जहां रसिक पिय प्यारी ।
फूलन के बागे और भूषण फूलन के फूलनही की पाग संवारी ।। १ ।।
ढिंग फूली वृषभाननंदिनी तैसी ये फूल रही उजियारी ।
फूलन के झूमका झरोखा बहु फूलन की रची अटारी ।। २ ।।
फूले सखा चकोर निहारत बिच चंद मिल किरण संवारी ।
चतुर्भुजदास मुदित सहचारी फूले लाल गोवर्धनधारी ।। ३ ।।
फूलन के बागे और भूषण फूलन के फूलनही की पाग संवारी ।। १ ।।
ढिंग फूली वृषभाननंदिनी तैसी ये फूल रही उजियारी ।
फूलन के झूमका झरोखा बहु फूलन की रची अटारी ।। २ ।।
फूले सखा चकोर निहारत बिच चंद मिल किरण संवारी ।
चतुर्भुजदास मुदित सहचारी फूले लाल गोवर्धनधारी ।। ३ ।।
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