अष्टछाप

सूरदास जी
Surdas ji


सूरदास जी महाप्रभु श्री वल्लभाचार्य जी के साथ गौघाट पर प्रथम मिलन के पश्चात गोकुल आये । वहाँ उन्होने श्री नवनीतप्रिया जी के दर्शन पाये और श्री ठाकुर जी के सन्मुख बाल लीला के पद गाये ।
तदुपरान्त सूरदास जी महाप्रभु श्री वल्लभाचार्य जी के साथ गोवर्धन आये और कीर्तन सेवा शुरू की ।
नाम – सूरदास जी
जाति – सारस्वत ब्राह्मण
जन्म – वैशाख सुद ५, १५३५
जन्म स्थान -
निकुंज लीला नाम (सखा) – कृष्ण
निकुंज लीला नाम (सखी) – चम्पकलता
शरणागति तिथी – १५६७
शरणागति स्थान – गौ घाट
दीक्षा गुरु – महाप्रभु वल्लभाचार्य जी
भक्ति – निर्गुण
स्वरूप आसक्ति – श्री मथुराधीश
श्रृंगार आसक्ति – पाग
प्रभु के श्री अंग में स्थान – मुखारविन्द
प्रभु की मुख्य लीला आसक्ति-मान एवं गौचारण लीला
कीर्तन समय – उत्थापन
मनोरथ भाव – सदान केन्द्र
लीला में सहचरी- श्री श्यामला जी
लीला में रंग वर्ण -चम्पई
लीला मे कुंज- नीलम कुंज
लीला संबंधी ऋतु – वर्षा ऋतु
अष्टछाप की स्थापना के समय उम्र- ६७ वर्ष
रचनाएं- सूरसागर/सूररासावली, साहित्य लहरी
पद-१२५,०००
छाप – सूर, सूरदास, सूरजदास, सूरश्याम
नित्य लीला – १६४०
नित्य लीला स्थन -चन्द्र सरोवर
भूतल पर रहे – १०५ वर्ष
स्मृति स्थल-१ -गौ घाट
स्मृति स्थल -२ चन्द्र सरोवर
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परमानंद दास जी
Paramand Das ji

नाम – श्री परमानंद दास जी
जाति – कन्नौजिया ब्राह्मण
जन्म – मार्गशीष सुद ७, १५५०
जन्म स्थान – कन्नौज
निकुंज लीला नाम (सखा) – तौक
निकुंज लीला नाम (सखी) – चन्द्रभागा
शरणागति तिथी – जेठ सुद १२, १५७७
शरणागति स्थान – अडेल
दीक्षा गुरु – महाप्रभु वल्लभाचार्य जी
भक्ति – सात्विक
स्वरूप आसक्ति – श्री नवनीत प्रिया जी
श्रृंगार आसक्ति – ग्वाल पाग
प्रभु के श्री अंग में स्थान – श्रवन इन्द्रीय
प्रभु की मुख्य लीला आसक्ति- बाल लीला
कीर्तन समय – मंगला
मनोरथ भाव – गुप्त रास
लीला में सहचरी- श्री राधा जी
लीला में रंग वर्ण -केसरी
लीला में कुंज – मान कुंज
लीला संबंधी ऋतु – शिशिर ऋतु
अष्टछाप की स्थापना के समय उम्र- ५२ वर्ष
रचना – परमानंद सागर
पद- २०००
छाप – परमानंद दास/ दास परमानंद
नित्य लीला -भादो बुद ९, १६४१
नित्य लीला स्थान – सुरभी कुंड
भूतल पर रहे – ९१ वर्ष
स्मृति स्थल-१ -सुरभी कुंड
स्मृति स्थल -२ श्याम तमाल
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कुंभन दास जी
Kumbhan Das ji

नाम – कुंभनदास जी
जाति – गौर क्षत्रिय
जन्म – कार्तिक बुदि ११, १५२५
जन्म स्थान – जामु ना बथा
निकुंज लीला नाम (सखा) – अर्जुन
निकुंज लीला नाम (सखी) – विशाखा
शरणागति तिथी – वैशाख सुद ३, १५५६
शरणागति स्थान – गोपालपुर
दीक्षा गुरु – महाप्रभु वल्लभाचार्य जी
भक्ति – राजस सखिया
स्वरूप आसक्ति – श्री गोवर्धन नाथ जी
श्रृंगार आसक्ति – कुल्ह
प्रभु के श्री अंग में स्थान – हृदय
प्रभु की मुख्य लीला आसक्ति-निकुंज लीला
कीर्तन समय – राजभोग
मनोरथ भाव – नाव
लीला में सहचरी- श्री तुलसी जी
लीला में रंग वर्ण – सुधामणी (चाँदी)
लीला संबंधी ऋतु – ग्रीष्म
अष्टछाप की स्थापना के समय उम्र- ७७ वर्ष
पद-लगभग ४००
छाप – कुंभनदास
नित्य लीला – १६४०
नित्य लीला स्थन – संकर्षण कुंड
भूतल पर रहे – ११५ वर्ष
स्मृति स्थल-१ – जामु ना वठ
स्मृति स्थल -२ संकर्षण कुंड
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कृष्णदास जी
Krishna Das ji

नाम – श्री कृष्ण दास जी
जाति – कर्णभी पटेल
जन्म – १५५४
जन्म स्थान -चिलोतरा, गुजरात
निकुंज लीला नाम (सखा) – ऋषभ
निकुंज लीला नाम (सखी) – ललिता
शरणागति तिथी – १५६७
शरणागति स्थान – विश्राम घाट
दीक्षा गुरु – महाप्रभु वल्लभाचार्य जी
भक्ति – तामस
स्वरूप आसक्ति – श्री मदन मोहन जी
श्रृंगार आसक्ति – मुकुट
प्रभु के श्री अंग में स्थान – चरणारविन्द
प्रभु की मुख्य लीला आसक्ति- रास लीला
कीर्तन समय – शयन
मनोरथ भाव – रास
लीला में सहचरी- श्री चन्द्रावली
लीला में रंग वर्ण -गौर (सफ़ेद)
लीला में कुंज – हीरा कुंज
लीला संबंधी ऋतु – शरद ऋतु
अष्टछाप की स्थापना के समय उम्र- ४८ वर्ष
पद- ७००
छाप – कृष्णदास, कृष्णदासानि
नित्य लीला – १६३८
नित्य लीला स्थान – पूंछरी के पास एक कुआ
भूतल पर रहे – ८४ वर्ष
स्मृति स्थल-१ – बिलछु कुंड
स्मृति स्थल -२ पूंछरी के पास कुआ
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चतुर्भुज दास जी
Chaturbhuj Das ji

नाम – श्री चतुर्भुज दास जी
जाति – गौर्व क्षत्रिय
जन्म – १५९७
जन्म स्थान -जामु ना वठा
निकुंज लीला नाम (सखा) -विशाल
निकुंज लीला नाम (सखी) – विमला
शरणागति तिथी – १५९७
शरणागति स्थान – श्री नाथ जी मंदिर – गिरिराज जी
दीक्षा गुरु – श्री गुसांई जी
भक्ति – राजस
स्वरूप आसक्ति – श्री गोकुल नाथ जी
श्रृंगार आसक्ति – सेहरा
प्रभु के श्री अंग में स्थान – श्री हस्त
प्रभु की मुख्य लीला आसक्ति-अन्नकूट गोवर्धन लीला
कीर्तन समय – भोग
मनोरथ भाव – फूल मंडली
लीला में सहचरी- श्री विशाखा जी
लीला में रंग वर्ण -पीला
लीला संबंधी कुंज – पुष्प कुंज
लीला संबंधी ऋतु – वर्ष ऋतु
अष्टछाप की स्थापना के समय उम्र- ५ वर्ष
पद- लगभग २००
छाप – दास चतुर्भुज, चतुर्भुज, चतुर्भुज दास
नित्य लीला -फागुन बुद ७, १६४२
नित्य लीला स्थन – रुद्र कुंड
भूतल पर रहे – ४५ वर्ष
स्मृति स्थल-१ – रुद्र कुंड
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नंददास जी
Nand Das ji

नाम – श्री नंददास जी
जाति – सनाढ्य ब्राह्मण
जन्म – १५९०
जन्म स्थान -रामपुर
निकुंज लीला नाम (सखा) – भोज
निकुंज लीला नाम (सखी) – चन्द्र रेखा
शरणागति तिथी – १६०७
शरणागति स्थान – राजाठाकुर मंदिर
दीक्षा गुरु – श्री गुँसाई जी
भक्ति – निर्गुण
स्वरूप आसक्ति – श्री गोकुल चन्द्रमा जी
श्रृंगार आसक्ति – फेंटा
प्रभु के श्री अंग में स्थान – उदर
प्रभु की मुख्य लीला आसक्ति- किशोर लीला
कीर्तन समय – श्रृंगार
मनोरथ भाव – वसंत क्रीडा
लीला में सहचरी- श्री प्रिया जी
लीला में रंग वर्ण – लाल
लीला में कुंज -प्रीतम कुंज
लीला संबंधी ऋतु – वसंत ऋतु
अष्टछाप की स्थापना के समय उम्र- १२ वर्ष
रचना – रास पंचाध्याय, गोवर्धन लील, भ्रमर गीत, पंचमंजरी
पद-लगभग ४००
छाप – नंददास
नित्य लीला – १६४२
नित्य लीला स्थान – मानसी गंगा
भूतल पर रहे – ५२ वर्ष
स्मृति स्थल-१ -मानसी गंगा
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छितस्वामी जी
Chhitswami ji

नाम – श्री छीतस्वामी जी
जाति – चतुर्वेदी ब्राह्मण
जन्म – पोष बुद १०, १५७२
जन्म स्थान – मथुरा
निकुंज लीला नाम (सखा) – सुबाल
निकुंज लीला नाम (सखी) – पद्मा
शरणागति तिथी – १५९२
शरणागति स्थान – राजाठाकुर मंदिर
दीक्षा गुरु – श्री गुंसाई जी
भक्ति – तामस
स्वरूप आसक्ति – श्री विट्ठलनाथ जी
श्रृंगार आसक्ति – दुमाला
प्रभु के श्री अंग में स्थान – कटि
प्रभु की मुख्य लीला आसक्ति-
कीर्तन समय – सन्ध्या आरती
मनोरथ भाव – हिन्डोला
लीला में सहचरी- श्री ललिता जी
लीला में रंग वर्ण -कमल समान (गुलाबी)
लीला में कुंज – मान कुंज
लीला संबंधी ऋतु -वर्षा ऋतु
अष्टछाप की स्थापना के समय उम्र- ३० वर्ष
पद- लगभग २००
छाप – छितस्वामी
नित्य लीला -फागुन बुद ७, १६४२
नित्य लीला स्थन – अप्सरा कुंड
भूतल पर रहे – ७० वर्ष
स्मृति स्थल-१ – पूंछरी
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गोविन्द स्वामी जी


नाम – श्री गोविन्द स्वामी जी
जाति – सनाढ्य ब्रह्मण
जन्म – १५६२
जन्म स्थान -आंतरी-भरतपुर
निकुंज लीला नाम (सखा) – श्रीदामा
निकुंज लीला नाम (सखी) – भामा
शरणागति तिथी – १५९२
शरणागति स्थान – राजा ठाकुर मंदिर
दीक्षा गुरु – श्री गुसाँई जी
भक्ति – सात्विक
स्वरूप आसक्ति – श्री द्वारिकानाथ जी
श्रृंगार आसक्ति – टिपारा
प्रभु के श्री अंग में स्थान – नेत्र
प्रभु की मुख्य लीला आसक्ति- हिंडोरा
कीर्तन समय – ग्वाल
मनोरथ भाव – जल क्रीडा
लीला में सहचरी- श्री यमुना जी
लीला में रंग वर्ण -केसरी
लीला संबंधी ऋतु – वसंत ऋतु
अष्टछाप की स्थापना के समय उम्र- ४० वर्ष
पद- ४००
छाप – गोविन्द
नित्य लीला -फागुन बुद ७, १६४२
नित्य लीला स्थन – गिरिराज जी
भूतल पर रहे – ८० वर्ष
स्मृति स्थल-१ – कदम खंडी

3 comments:

  1. pad you are giving can be hrard or not?

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  2. क्या हम यमुनाष्टक,नवरत्न स्रोत,सुदर्शन चक्र की हिन्दी पुस्तक मिल सकतीहै

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    1. Aap ke content number bej du

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