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मंगल आरती कीजे भोर

मंगल आरती कीजे भोर ॥
मंगल जन्म कर्म गुण मंगल मंगल यशोदा माखन चोर ॥१॥
मंगल वेणु मुकुट गुण मंगल मंगल रूप रमे मनमोर ॥
जन भगवान जगत में मंगल मंगल राधायुगलकिशोर ॥२॥