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इंद्र की अस्वारी पपैया नकीब कीनों

इंद्र की अस्वारी पपैया नकीब कीनों, देस देस खबर करी ।
गरज नगारे बाज धुरवा निसान बान, बदरा की फोज धाई बूंदन तीर कारी ।। 1 ।।
दामिनी रंक तामें ओला गोला तोपखानो, कहा करे बिरहन मन में बिचारी ।
'तानसेन' के प्रभु तुम बहु नायक, जिन के पिया विदेस देस, तिनको यह जग भारी ।। 2 ।।

गावत मल्हार पिय आये मेरे आंगन कहा

गावत मल्हार पिय आये मेरे आंगन कहा नौछावर करूँ यही ओसर ।
तन मन प्रान एक रोम पर वार डारुं तोऊ न करत या कृपा की सरवर ।। 1 ।।

सुफल करी आज रेन किये अब सुख सेन मुख हू न आवे बेन उमग चल्यो हियो भर ।
रसिक प्रीतम प्रेम विवास भये श्री वल्लभ प्रभु रसिक पुरंदर ।। 2 ।।