श्री यमुने तुमसी एक हो जु तुमहीं ।
करि कृपा दरस निसवासर दीजिये, तिहारे गुनगान को रहत उद्यम ही ॥१॥
तिहारे पाये ते सकल निधि पावहीं, चरण्कमल चित्त भ्रमर भ्रमहीं ।
कृष्णदासनि कहें कौन यह तप कियो, तिहारे ढंग रहत है लता द्रुम ही ॥२॥
करि कृपा दरस निसवासर दीजिये, तिहारे गुनगान को रहत उद्यम ही ॥१॥
तिहारे पाये ते सकल निधि पावहीं, चरण्कमल चित्त भ्रमर भ्रमहीं ।
कृष्णदासनि कहें कौन यह तप कियो, तिहारे ढंग रहत है लता द्रुम ही ॥२॥
ShriYamune tumsi ek ho jo
tumhi.
Kari kripa daras nisvasar dijiye, tihare guungaan ko rahe uddhyam hi.
Tihare payete sakal nidhi paavhi, charan kamal chit bramar bram hi,
Krishnadasni kahe kaun yeh tap kiyo, tihare ding rahat hain lata dhrumhi.
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