श्री यमुना जी को नाम ले सोई सुभागी ।
इनके स्वरूप को सदा चिन्तन करतम कल न परत जाय नेह लागी ॥१॥
पुष्टि मारग धरम अति दुर्लभ करम छोड सगरे परम प्रेम पागी।
श्री विट्ठल गिरिधरन ऐसी निधि, भक्त को देत है बिना माँगी ॥२॥
इनके स्वरूप को सदा चिन्तन करतम कल न परत जाय नेह लागी ॥१॥
पुष्टि मारग धरम अति दुर्लभ करम छोड सगरे परम प्रेम पागी।
श्री विट्ठल गिरिधरन ऐसी निधि, भक्त को देत है बिना माँगी ॥२॥
ShriYamune ke naam le soi
suhaagi.
Inke svarup ko sada chintan karat, kal na parat jaye leha laagi.
Pushtimarg maram atihi durlab karam, chhaad sagre param prempaagi,
ShriVithal Giridharan aisi nidhi, bhaktko det hain bina maangi.
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