श्री गोवर्धन राई लाला, प्यारे लाल तिहारे चंचल नैन बिशाला,
तिहारे उर सोहै बनमाला, देख मोहि रही ब्रजबाला ।। ध्रु.।।
खेलति खेलति तहँ गये जहँ पनिहारिन की बाट ।
गागरि ढ़ोरें सिस तै कोऊ भरनि न पावति घाट ।। १ ।।
नंद राइ के लाडिले बलि ऐसौ खेली निवारि ।
मनमें आनंद भरी रह्यौ मुख जोवत सकल ब्रज नारि ।। २ ।।
अरगजा कुमकुम घोरी कें प्यारी लीनो कर लपटाई ।
अचका अचका आई कें भाजी गिरिधर गाल लगाई ।। ३ ।।
यह बिधि होरी खेली हीं ब्रजबासिन संग लगाई ।
गोवर्धन धर रूप पै जन गोविंद बलि बलि जाई ।। ४ ।।
🙏☺️||जय श्री कृष्ण||☺️🙏
ReplyDelete
ReplyDeleteThank you🙏😊🙏
Isko suniye ,lyrics ke saath
ReplyDeletehttps://youtu.be/EDRmbr64gwU?si=9XemNYCE5-u3kN4f