नागरी नंदलाल संग रंग भरी राजें

नागरी नंदलाल संग रंग भरी राजें ॥
श्याम अंस बाहु दिये कुंवरि पुलक पुलक हिये मंद मंद हसन प्रियें कोटि काम लाजें॥१॥
तरुतमाल श्यामलाल लपटी अंग अंग वेलि निरख सखी छबि सुकेलि नूपुर कल बाजें ॥
दामोदर हित सुदेश शोभित सुंदर सुवेश नवल कुंज भ्रमर पुंज कोकिल कल गाजें ॥२॥

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