मेरो माई हरि नागर सों नेह |
जबते द्रष्टि परे मनमोहन तबते विसरयो गेह || १ ||
कोऊ नींदों कोऊ वंदो मो मन गयो संदेह |
सरिता सिन्धु मिली परमानन्द भयो एकरस तेह || २ ||
जबते द्रष्टि परे मनमोहन तबते विसरयो गेह || १ ||
कोऊ नींदों कोऊ वंदो मो मन गयो संदेह |
सरिता सिन्धु मिली परमानन्द भयो एकरस तेह || २ ||
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