बात हिलग की कासों कहिये...

बात हिलग की कासों कहिये |
सुनरी सखी व्यथा यातनकी समझ समझ मन चुप कर रहिये || १  ||
मरमी  विना  मरम को  जानें  यह  उपहास  जान  जग सहिये |
चतुर्भुज  प्रभु   गिरिधरन  मिलें  जब  तब  ही  सब  सुख  पैये || २  ||

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