तत्व गुन बान भुवि माधवासित तरनि प्रथम भगवद दिवस प्रगट लछमन सुवन।
धन्य चम्पारण्य मन त्रैलोकजन अन्य अवतार होय है न ऐसो भुवन॥१॥
लग्न वसु कुंभ गति केतु कवि इंदु सुख मीन बुध उच्च रवि वैर नासे।
मंद वृष कर्क गुरु भौम युत तम सिंघ योग ध्रुवकरन बव यस प्रकासे॥२॥
ऋच्छ धनिष्ठा प्रतिष्ठा अधिष्ठान स्थित विरह वदना-नलाकार हरिको।
येहि निस्चै द्वरकेस इनकी सरन और वल्भाधीस सर को ॥३॥
धन्य चम्पारण्य मन त्रैलोकजन अन्य अवतार होय है न ऐसो भुवन॥१॥
लग्न वसु कुंभ गति केतु कवि इंदु सुख मीन बुध उच्च रवि वैर नासे।
मंद वृष कर्क गुरु भौम युत तम सिंघ योग ध्रुवकरन बव यस प्रकासे॥२॥
ऋच्छ धनिष्ठा प्रतिष्ठा अधिष्ठान स्थित विरह वदना-नलाकार हरिको।
येहि निस्चै द्वरकेस इनकी सरन और वल्भाधीस सर को ॥३॥
No comments:
Post a Comment