बाबा आज भूख अति लागी

मंगल भोग सरावे के पद

बाबा आज भूख अति लागी |
भोजन भयो अघानो  नीके-तृर्पत  होय  रूचि  भारी || १  ||
अचवन कर यमुनोदक लीनो मुर ज्रभांत पल लागी |
भोज अंत शीत लागे परमानन्द,  दीजे  मेरी  आंगी || २  || 

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