श्री यमुने की आस अब करत है दास ।
मन कर्म बचन जोरिके मांगत, निशदिन रखिये अपने जु पास ॥१॥
जहाँ पिय रसिकवर रसिकनी राधिका दोउ जन संग मिलि करत है रास।
दास परमानंद पाय अब ब्रजचन्द देखी सिराने नेन मन्दहास ॥२॥
मन कर्म बचन जोरिके मांगत, निशदिन रखिये अपने जु पास ॥१॥
जहाँ पिय रसिकवर रसिकनी राधिका दोउ जन संग मिलि करत है रास।
दास परमानंद पाय अब ब्रजचन्द देखी सिराने नेन मन्दहास ॥२॥
ShriYamune ki aas aab karat hey
das.
Man karam bachan kar jorike maangat nishdina rakhiye apneju paas.
Jahan Piye Rasikvar Rasikni Radhika, dhou jan sangmili karat hain raas,
Daas Paramanand paye aab brujchand, dekho sirane nein mandhaass.
No comments:
Post a Comment