बसो मेरे नयनन में दोउं चंद...

बसो मेरे नयनन में दोउं  चंद ।
गौर वरण  वृषभाननंदिनी,  श्याम  वरण   नंदनंद  ।। १ ।।
कुंज निकुंज में विहरत दोउं, अतिसुख आनंद कंद ।
रसिक प्रीतम प्रिया रसमें  माते,  परो प्रेम के  फंद ।। २ ।।

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