श्री महाप्रभुजी की बधाई
सुनोंरी आज नवल बधायो हे ।श्री लक्ष्मण गृह प्रकट भये हें , श्री वल्लभ मन भायो हे ।। १ ।।
बाजत आवज ढोलक महुवर, घन ज्यों ढोल बजायो हे ।
कोकिल कंठ नवल वनिता मिल, मंगल गायो हे ।। २ ।।
हरदी तेल सुगंध सुवासित, लालन उबट न्हावायो हे ।
नखशिखलों आभूषण भूषित, पीताम्बर पहरायो हे ।। ३ ।।
अशन वसन कंचन मणि माणिक, घरघर याचक पायो हे ।
श्री विठ्ठल गिरिधरन कृपानिधि, पलनामांझ झुलायो हे ।। ४ ।।
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