श्री विठ्ठलनाथजी की वधाई
व्रजमें बाजत आज बधाई |
प्रकट भये भूतल श्री विठ्ठल गोकुल पति सुखदाई || १ ||
प्रफुल्लित भये सकल दैवीजन मनहु रंक निधि पाई |
भक्ति कल्पतरुकी सब शाखा नव अंकुरित बनाई || २ ||
गृहगृह तोरण ध्वजा पताका मंगलचार सुनाई |
सुनत श्रवण आनन्द भयो अति गिरिधर केलि कराइ || ३ ||
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