आये आये हो मन भावन कहांते भोर

आये आये  हो  मन  भावन   कहांते   भोर   ही   भवन   हमारे |
तुम कियो रति सुख हम दियो   अतिदु:ख  सांचे  बोल  तिहारे || १  ||
तुम कियो मधुपान घूमत हमारो मन ऐसें कैसें बनै प्राण प्यारे |
अब तो सिधारो जहां रेन वसे  तहां  गोविन्द  प्रभु  पिय  हमारे || २  ||

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