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अष्टछाप
Pushtimargiya Terminology
Baithakji Charitra
सखीरी लोभी मेरे नैन
सखीरी लोभी मेरे नैन ।
बिन देखे चटपटी सी लागत, देखत उपजत चैन ॥ १ ॥
मोर मुकुट काछे पीतांबर, सुन्दर मुखके बैन ।
अंग-अंग छबि कहि न परत है, निरखि थकित भयो मैन ॥ २ ॥
मुरली सुन ऐसी लागत है, चितवे खग मृग धैन ।
परमानंददासको ठाकुर, वे देखो ठाडे जु एन ॥ ३ ॥
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