मेरी अखियन के भूषन गिरिधारी |
बलि बलि जाऊ छबीली छबि पर, अति आनंद सुखकारी || १ ||
परम उदार चतुर चिंतामनि, दरस परस दुखहारी |
अतुल प्रताप तनिक तुलसीदल, मानत सेवा भारी || २ ||
कहा बरनों गुनगाथ नाथके, श्री विठ्ठल ह्रदय बिहारी |
छीतस्वामी गिरिधरन बिसद जस, गावत गोकुल नारी || ३ ||
बलि बलि जाऊ छबीली छबि पर, अति आनंद सुखकारी || १ ||
परम उदार चतुर चिंतामनि, दरस परस दुखहारी |
अतुल प्रताप तनिक तुलसीदल, मानत सेवा भारी || २ ||
कहा बरनों गुनगाथ नाथके, श्री विठ्ठल ह्रदय बिहारी |
छीतस्वामी गिरिधरन बिसद जस, गावत गोकुल नारी || ३ ||
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