किहीं मिस यशोमतिहिकें जाऊं |
सकल सुखनिधि मुख अवलोकूं नयनन तृषा बुझाऊं || १ ||
द्वार आरज सभा जुरीहे निकसवे नहीं पाऊं |
बिना गए पतिव्रत छूटे हसे गोकुल गाऊं || २ ||
स्याम गात सरोजआनन मुदित ले ले नाऊं |
सूर हिलगन कठिन मनकी कही काही सुनाऊं || ३ ||
सकल सुखनिधि मुख अवलोकूं नयनन तृषा बुझाऊं || १ ||
द्वार आरज सभा जुरीहे निकसवे नहीं पाऊं |
बिना गए पतिव्रत छूटे हसे गोकुल गाऊं || २ ||
स्याम गात सरोजआनन मुदित ले ले नाऊं |
सूर हिलगन कठिन मनकी कही काही सुनाऊं || ३ ||
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