श्री यमुना जस जगत में जोइ गावे ।
ताके अधीन ह्वै रहत हे प्राणपति नैन अरु बेन में रस जु छावे ॥१॥
वेद पुराण की बात यह अगम हे, प्रेम को भेद कोऊ न पावे ।
कहत गोविन्द श्री यमुने की जापर कृपा, सोइ श्री वल्लभ कुल शरण आवे
ताके अधीन ह्वै रहत हे प्राणपति नैन अरु बेन में रस जु छावे ॥१॥
वेद पुराण की बात यह अगम हे, प्रेम को भेद कोऊ न पावे ।
कहत गोविन्द श्री यमुने की जापर कृपा, सोइ श्री वल्लभ कुल शरण आवे
Shri Yamuna jas jagat mein joi
gaave,
Taake aadheen bahe rahat he Pranpati, nein auroben mein ras
ju chave.
Ved puran ki baat ye agam he premko bhedh koi na paveh,
Kahat Govind Shri Yamune ki ja par kripa, sohi Shri Vallabh kul sharan aave.
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