प्रात समें नवकुंज महल में श्री राधा और नन्द किशोर |
दक्षिण कर मुक्ता श्यामा के त्यजत हंस और चुगत चकोर || १ ||
तापर एक अधिक छबि उपजत ऊपर भ्रमर करत घनघोर |
सूरदास प्रभु अति सकुचाने रवि शशि प्रकटत एक ही ठोर || २ ||
दक्षिण कर मुक्ता श्यामा के त्यजत हंस और चुगत चकोर || १ ||
तापर एक अधिक छबि उपजत ऊपर भ्रमर करत घनघोर |
सूरदास प्रभु अति सकुचाने रवि शशि प्रकटत एक ही ठोर || २ ||
No comments:
Post a Comment