श्यामसों नेह कबहू न कीजे

श्यामसों नेह कबहू न कीजे |
मन श्याम तन श्याम श्याम ही सलोने टेढ़ी प्रीत करे तन छीजे || १  ||
श्याम पाग सिर छबि सों  सांवरेकी आली सर्वस अपनों दीजे |
चतुर्भुज प्रभु गिरिधर सों हिलमिल अधर सुधारस पीजे || २  ||

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