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अष्टछाप
Pushtimargiya Terminology
Baithakji Charitra
मदन गुपाल हमारे आवत
मदन गुपाल हमारे आवत, आनंद मंगल गाऊंगी |
जल गुलाब के, ढोरी अरगजा, पायन चंदन लगाउंगी || १ ||
सीतल चंदन सुखद के साजति, कुच भुज बीच बसाउंगी |
'कुंभनदास', लाल गिरिधर को, जो एकांत कर पाउंगी || २ ||
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