रँगन रंग हो हो होरी है, कोऊ भलौ बुरौ जिनि मानौ ।
मनमोहन के मन मोहन कौं, श्री वृषभानु किशोरी है ।। १ ।।
होरी में कहा कहा नहीं कहियत यामैं कहा कुछ चोरी है ।
कृष्ण जीवन लछीराम के प्रभु सौं, जो कहियै सो थोरी है ।। २ ।।
मनमोहन के मन मोहन कौं, श्री वृषभानु किशोरी है ।। १ ।।
होरी में कहा कहा नहीं कहियत यामैं कहा कुछ चोरी है ।
कृष्ण जीवन लछीराम के प्रभु सौं, जो कहियै सो थोरी है ।। २ ।।
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