कैसे करि कीजै वेद कह्यो |
हरिमुख निरखत विधि-निषध कौ नाहिन ठोर रह्यो || १ ||
दु:ख को मूल सनेह सखी री सो उर पैठी रह्यो |
परमानन्द प्रभु केलि समुद्र में पर्योसु लै निबह्यो || २ ||
हरिमुख निरखत विधि-निषध कौ नाहिन ठोर रह्यो || १ ||
दु:ख को मूल सनेह सखी री सो उर पैठी रह्यो |
परमानन्द प्रभु केलि समुद्र में पर्योसु लै निबह्यो || २ ||
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