श्री वल्लभलाल आंगन

श्री आचार्यजी की बाललीला के पद

श्री  वल्लभलाल  आंगन   मध्य  खेलन  ।
पहले   प्रगट   श्री    यशोदा नंदन   गोपीनकों   रस  देनन  ।। १ ।।
अब ही  प्रगट   श्री  लक्ष्मण नंदन   श्री भागवतरस एनन  ।
परमानन्द प्रभु की छबि निरखत सुख आवत नहीं बेनन  ।। २ ।।

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