निजजन निरख निरख सब फूले...

श्री आचार्यजी के पलना के पद : 

निजजन निरख निरख सब फूले।
श्री लक्ष्मण गृह आज भलो दिन, श्री वल्लभ पलना झूले ।। १ ।।
जो सुख नन्द यशोदा आंगन, गोपीजन  मिल   निरख्यो ।
सो अब दैवी जन के आंखन,  निरख  कमल पद हरख्यो ।। २ ।।
देत दान   कंचन   पट   भूषन,   याचक   भये    अजाची ।
कृष्णदास  आशा   विधना,  सब  किनी   मन की  सांची ।। ३ ।।

No comments:

Post a Comment