दिन दुल्हे मेरो...

ब्याह के और शेहरा के पद

दिन दूल्हे मेरो कुंवर कन्हैया |
नित्य उठ  सखा  शृंगार  बनावे   नित्य ही  आरती उतारत मैया || १ ||
नित्य उठ आँगन चन्दन लिपावे नित्य ही  मोतिन  चौक  पुरैया |
नित्य ही   मंगल   कलश   धरावे   नित्य ही   बंदनवार    बंधैया || २ ||
नित्य उठ ब्याह गीत मंगल ध्वनि नित्य सुरनर मुनि बेद पढैया |
नित्य नित्य आनंद होत वार निधि नित्य ही गदाधर लेत बलैया || ३ ||

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