उडी उडावन लागे लाल |
सुंदर पथक बांध मनमोहन बाजत मोरन के ताल || १ ||
काऊ पकरत कोऊ एंचत कोऊ देखत नैन विशाल |
कोऊ न कोऊ करत कुलाहल कोऊ बजत बोहो करताल || २ ||
कोऊ गुड गुडीसों रीझ आपुन खेंचत डोर रसाल |
परमानंद स्वामी मनमोहन रीझ रहत एक ही तत्काल || ३ ||
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