कौन गौर तेँ पुजी श्रीराधे कौन गौर तेँ पुजी

कौन गौर तेँ पुजी श्रीराधे कौन गौर तेँ पुजी ।
वृंदावन गौकुल गलियन मेँ, सब कौऊ कहत बहूजी ।।1।।
मदनमोहन पियको बस कीनो, और त्रिया नहीँ दुजी ।
सुरदास प्रभु तिहारे मिलनको, कौन बात तौहे सुजी ।।2।।

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