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अष्टछाप
Pushtimargiya Terminology
Baithakji Charitra
राखी बांधत बहिन सुभद्रा बल अरु श्री गोपाल के
राखी बांधत बहिन सुभद्रा बल अरु श्री गोपाल के।
कंचन रत्न थार भरि मोती तिलक दियो नंदलाल के॥१॥
आरति करत रोहिणी जननी अंतर बढे अनुराग के।
आसकरण प्रभु मोहन नागर, प्रेम पुंज ब्रज बाल के॥२॥
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