जागो मेरे लाल जगत उजियारे ।
कोटिक मनमथ वारों मुसकनि पर कमल नयन अंखियन के तारे ॥१॥
संगले ग्वालबाल बछ सब संग लेउ जमुना जी के तट पर जाउ सवारे ।
परमानंद कहत नंदरानी दूर जिन जाउ मेरे ब्रज के रखवारे ॥२॥
कोटिक मनमथ वारों मुसकनि पर कमल नयन अंखियन के तारे ॥१॥
संगले ग्वालबाल बछ सब संग लेउ जमुना जी के तट पर जाउ सवारे ।
परमानंद कहत नंदरानी दूर जिन जाउ मेरे ब्रज के रखवारे ॥२॥
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