हिंडोरेतें उतरे लाल विहारी

हिंडोरेतें उतरे लाल विहारी |
 रमकनि ठमकनि उतरि राधिका कोटि चंद उजियारी || १ ||
गोपीजन सब पाय परत हैं राई लोन उतारी |
कर मुरली ले बेनु बजावत गोकुल चले हैं मुरारी || २ ||
जैजैकार ब्रह्मादिक बोले पुष्पन-वृष्टि कराई |
परमानंददास को ठाकुर व्रजजन के सुखदाई || ३ ||

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