अब हो मेरे ललना प्रथम प्रणाम करू श्रीवल्लभ , सुमरो श्रीविट्ठलनंद हो....हिली मिली जुरमट खेलिए......
अब हो मेरे ललना नेक होरी श्रीवल्लभ साथ हो , घर आवो रंगीले नाथ हो..हिली मिली जुरमट खेलिए......
अब हो मेरे ललना श्रीविट्ठल गृह प्रकट भये , मानो प्रकट्यो पूरण चंद हो....हिली मिली जुरमट खेलिए......
अब हो मेरे ललना श्रीगोकुलनाथ सोहावनो, सबे मिली क खेलन जाये हो..हिली मिली जुरमट खेलिए......
अब हो मेरे ललना उड़त अबीर गुलाल ज्यो, श्रीवल्लभ छिरके जाई हो....हिली मिली जुरमट खेलिए......
अब हो मेरे ललना श्रीगोकुल बिथनी सांकरी, मची है अरगजा कीच हो..हिली मिली जुरमट खेलिए......
अब हो मेरे ललना ताल मृदंग दफ बांसुरी , अरु घुमड़ रह्यो सिंघद्वार हो.....हिली मिली जुरमट खेलिए......
अब हो मेरे ललना धोती उपरना केशरी , अरु केशर भीनी पाघ हो......हिली मिली जुरमट खेलिए......
अब हो मेरे ललना ऐसे खेले प्राणपिया , अरु सब दिन फागुन बिच हो ....हिली मिली जुरमट खेलिए......
अब हो मेरे ललना खेल चले आनंदसु , अरु आनंद कह्यो न जाई हो...हिली मिली जुरमट खेलिए......
अब हो मेरे ललना तुलसीमाल अरु मुध्रिका , अरु गले गुंजनको हार हो...हिली मिली जुरमट खेलिए......
अब हो मेरे ललना चलन हसन मनमे गडी, अरु बेनन कह्यो न जाई हो...हिली मिली जुरमट खेलिए......
अब हो मेरे ललना श्रीविट्ठलजीके लाडिले , अरु चित लियो चितचोर हो...हिली मिली जुरमट खेलिए......
अब हो मेरे ललना भाग्य बड़े गुजरातिनके , जिन दियो है सर्वस्व वारी हो...हिली मिली जुरमट खेलिए......
अब हो मेरे ललना सारंगी प्रतापते , पाए श्रीगोकुलनाथ हो....हिली मिली जुरमट खेलिए......
अब हो मेरे ललना श्रीगोकुलनाथके वारने , जन चतुरा बलिबलि जाये जो....हिली मिली जुरमट खेलिए......
अब हो मेरे ललना ताल मृदंग दफ बांसुरी , अरु घुमड़ रह्यो सिंघद्वार हो.....हिली मिली जुरमट खेलिए......
अब हो मेरे ललना धोती उपरना केशरी , अरु केशर भीनी पाघ हो......हिली मिली जुरमट खेलिए......
अब हो मेरे ललना ऐसे खेले प्राणपिया , अरु सब दिन फागुन बिच हो ....हिली मिली जुरमट खेलिए......
अब हो मेरे ललना खेल चले आनंदसु , अरु आनंद कह्यो न जाई हो...हिली मिली जुरमट खेलिए......
अब हो मेरे ललना तुलसीमाल अरु मुध्रिका , अरु गले गुंजनको हार हो...हिली मिली जुरमट खेलिए......
अब हो मेरे ललना चलन हसन मनमे गडी, अरु बेनन कह्यो न जाई हो...हिली मिली जुरमट खेलिए......
अब हो मेरे ललना श्रीविट्ठलजीके लाडिले , अरु चित लियो चितचोर हो...हिली मिली जुरमट खेलिए......
अब हो मेरे ललना भाग्य बड़े गुजरातिनके , जिन दियो है सर्वस्व वारी हो...हिली मिली जुरमट खेलिए......
अब हो मेरे ललना सारंगी प्रतापते , पाए श्रीगोकुलनाथ हो....हिली मिली जुरमट खेलिए......
अब हो मेरे ललना श्रीगोकुलनाथके वारने , जन चतुरा बलिबलि जाये जो....हिली मिली जुरमट खेलिए......
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