चैत्र मास संवत्सर परवा वरस प्रवेश...

चैत्र  मास संवत्सर   परवा   वरस   प्रवेश   भयो   हे   आज ।
कुंज महेल बैठे पिय  प्यारी   लाल   नये  हेरे  नौतन  साज ।। १ ।।
आपु ही कुसुम हार गुहलीने  क्रीडा करत लाल मन भावत ।
बीरी  देत  दास  परमानंद   हरखि   निरखि   जस   गावत ।। २ ।।

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