आज तो छबीलो लाल...

आज तो छबीलो लाल, प्रात ही खेलन चल्यो,
सखा संग लाई लियें, प्रेम गारी गावे धाई के ।। ध्रु.।।

खेलत खेलत, वृषभानजू की  पोरी आये,
हो हो हो होरी बोले प्यारो मन भाई के ।। १ ।। प्रेम गारी..

छबीली रच्यो उपाय, श्याम को लीने बुलाय,
मैया की दृष्टी बचाये, लीने उर लाइ के ।

अरस परस दोउ, महारस भीने,
सहचरी सुख पावे, रसिक मुख गाई के ।। २ ।। प्रेम गारी...

No comments:

Post a Comment