ग्वालिन घरतें कौन बुलाई...


ग्वालिन  घरतें   कौन  बुलाई ।
जाय  जिमावो, अपने  पतिको, यहां   क्योंरी   तुम    आई  ।। 1 ।।
यह    मर्यादा   वेदकी    नाहीं,   करो  अपनी    मन   भाई  ।
निज  पति छांड, औरनको  चाहत, यह  तुम  कौन  बताई  ।। 2 ।।
दीन  बचन  ग्वालिन बोली  हम,  सुत  पति  छांडके आई  ।
जान्यो,   मनमोहन,   भूखे हैं,   अखिल     लोकके    राई  ।। 3 ।।
बचन  सुनत  मोहन  मुस्काने,   कर   गहि  हृदे   लगाई  ।
दोउ संग  मिली, छाक अरोगत, 'दास' निरख बलि  जाई  ।। 4 ।। 

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