फूलन की सारी पैहरै तन, फूलन की कंचुकी

फूलन की सारी पैहरै तन, फूलन की कंचुकी, फूलन की ओढ़नी अंग अंग, फूले ललना के मन ।
फूलन के    नकवेसरी,   फूलन की   माला,    फूलन के   आभरन   केस   गूंथे    फूलन    धन ।। १ ।।

फूलन के   हावभाव,     फूलन के     चोप    चाऊ,     विविध     वरन      फूल्यौं       वृन्दावन ।
श्री गिरिधारी पिय के  फूल  नाहिं  कोउ   समतूल,   गावति  बसंत  राग  मिली  जुवती   जन ।
कृष्णदास बलिहारी  छिनु  छिनु  रखवारी,   अखिल  लोक  जुवति,    राधिका   प्राण   प्यारी ।। २ ।।

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