प्रीतम को कछु दोष नहीं री, आयो सीत बेरी हमारो |
प्रीतम को मग जोवन कारन राखन नहीं देत वदन उधारो सखी || १ || आयो...
सीतल पवन अकेली जान कें पठवत आलस करन संभारो |
व्रत को तजि आकृत निंद्रा सों मिली ठगति ठगारो सखी || २ || आयो...
कहूँगी जाए जनाए आज मिले मोसो प्रीतम प्यारो |
चतुरभुज प्रभु नेह द्रोही जाड़ा कों कीजे मुँह कारो सखी || ३ || आयो...
प्रीतम को मग जोवन कारन राखन नहीं देत वदन उधारो सखी || १ || आयो...
सीतल पवन अकेली जान कें पठवत आलस करन संभारो |
व्रत को तजि आकृत निंद्रा सों मिली ठगति ठगारो सखी || २ || आयो...
कहूँगी जाए जनाए आज मिले मोसो प्रीतम प्यारो |
चतुरभुज प्रभु नेह द्रोही जाड़ा कों कीजे मुँह कारो सखी || ३ || आयो...
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