श्याम घन कारे कारे, बादर ऋतु पावस हैं कारे

श्याम घन कारे कारे, बादर ऋतु पावस हैं कारे ।
कारी कोयल वन वन बोलत, मोर करा हिलकारे ।। 1 ।।
कारे धुरवा धार छूटत हैं, कारे कारे काजर भारे ।
कारे मदन सदन सूरज प्रभु, कारे चीर संभारे ।। 2 ।।

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