होरी खेलूँगी श्याम संग जाय,
सखी री बडे भाग से फागुन आयो री ॥१॥
फागुन आयो…फागुन आयो…फागुन आयो री
सखी री बडे भाग से फागुन आयो री
वो भिजवे मेरी सुरंग चुनरिया,
मैं भिजवूं वाकी पाग ।
सखी री बडे भाग से फागुन आयो री ॥२॥
चोवा चंदन और अरगजा,
रंग की पडत फुहार ।
सखी री बडे भाग से फागुन आयो री ॥३॥
लाज निगोडी रहे चाहे जावे,
मेरो हियडो भर्यो अनुराग ।
सखी री बडे भाग से फागुन आयो री ॥४॥
आनंद घन जेसो सुघर स्याम सों,
मेरो रहियो भाग सुहाग ।
सखी री बडे भाग से फागुन आयो री ॥५॥
सखी री बडे भाग से फागुन आयो री ॥१॥
फागुन आयो…फागुन आयो…फागुन आयो री
सखी री बडे भाग से फागुन आयो री
वो भिजवे मेरी सुरंग चुनरिया,
मैं भिजवूं वाकी पाग ।
सखी री बडे भाग से फागुन आयो री ॥२॥
चोवा चंदन और अरगजा,
रंग की पडत फुहार ।
सखी री बडे भाग से फागुन आयो री ॥३॥
लाज निगोडी रहे चाहे जावे,
मेरो हियडो भर्यो अनुराग ।
सखी री बडे भाग से फागुन आयो री ॥४॥
आनंद घन जेसो सुघर स्याम सों,
मेरो रहियो भाग सुहाग ।
सखी री बडे भाग से फागुन आयो री ॥५॥
No comments:
Post a Comment