हमारो अम्बर देहो मुरारी |
लेकर चीर कदम्ब चढ़ बैठे हम जलमांझ उधारी || १ ||
सुन्दर श्याम कमलदल लोचन हम हैं दासी तिहारी |
जो कछु कहौ सोई हम करी है चरणकमल पर वारि || २ ||
अंग अंग कांपत मनमोहन बिनती सुनौ हमारी |
सूरदास प्रभु रसिक सिरोमणि तुम जीते हम हारी || ३ ||
लेकर चीर कदम्ब चढ़ बैठे हम जलमांझ उधारी || १ ||
सुन्दर श्याम कमलदल लोचन हम हैं दासी तिहारी |
जो कछु कहौ सोई हम करी है चरणकमल पर वारि || २ ||
अंग अंग कांपत मनमोहन बिनती सुनौ हमारी |
सूरदास प्रभु रसिक सिरोमणि तुम जीते हम हारी || ३ ||
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