कृष्ण नाम जबतें श्रवन...

राजभोग हिलग के पद

कृष्ण नाम जबतें श्रवन सुन्यौरी आली, भूलीरी भवन हों तो बावरी भाई री |
भरी भरी  आवे  नैन  चितहू   न  परे  चैन,  तन की  दसा कछु और भई री || १ ||
जेतेक नेंम धरम किनेरी में बहु विधि, अंग अंग  भई हों  तो  श्रवन  मई री |
नंददास जाको नाम श्रवन सुनत यह गति, माधुरी मूरत केधों कैसी दई री || २ ||

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