मंगल धोस छठी को आयो |
आनंदे व्रजराज जशोदा मनहु अधन धन पायो || १ ||
कुंवर न्हावाई जशोदारानी कुलदेवी के पाय धरायो |
बहुत प्रकार बिंजन धरी आगे सब विधि भलो मनायो || २ ||
सब व्रजनारी बधावन आई सूत को तिलक करायो |
जयजय कार होत गोकुल में परमानन्द जश गायो || ३ ||
आनंदे व्रजराज जशोदा मनहु अधन धन पायो || १ ||
कुंवर न्हावाई जशोदारानी कुलदेवी के पाय धरायो |
बहुत प्रकार बिंजन धरी आगे सब विधि भलो मनायो || २ ||
सब व्रजनारी बधावन आई सूत को तिलक करायो |
जयजय कार होत गोकुल में परमानन्द जश गायो || ३ ||
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